कोरोना वायरस (Coronavirus) पूरे संसार में अपना प्रकोप फैला रखा है। पिछले एक साल से अधिक समय होने के बावजूद इसका हल नहीं निकल पा रहा। कोरोना वायरस का कहर एक समय में थमता नजर आ रहा था परंतु सितंबर के बाद से उठी इसकी दूसरी लहर ने एक बार फिर से डरा कर रख दिया है।
कम होते मामलों के बीच फिर से संक्रमित केस (positive case) अपनी रफ्तार पकड़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में देश दुनिया के तमाम बड़े वैज्ञानिक और डॉक्टर इसकी वैक्सीन (Vaccine) की पूरी तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि कई देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल (Human trial) शुरू हो चुके हैं। भारत में भी वैक्सीन के जनवरी के पहले सप्ताह तक आने की उम्मीद है। इन सब खबरों से इस बात से राहत मिलती है कि शायद वैक्सीन आने के बाद इसका कहर थम जाएगा परंतु इसी बीच कोरोना नए – नए रूपों के साथ मनुष्य को जकड़ रहा है।
कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा एक और बड़ा खुलासा किया गया है। इसके मुताबिक कोरोना वायरस का खतरा गर्भवती महिलाओं को बहुत अधिक है। प्रेगनेंसी के दौरान वायरस होना बड़ी परेशानी बन सकती है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो वायरस 3 महीने की गर्भवती (pregnant) महिला और बच्चे के लिए बेहद खतरनाक है। यह गर्भवती के शरीर में एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया को कम कर देता है, इसी के साथ – साथ शिशु को मिलने वाली एंटीबॉडी की कमी खतरे को बढ़ावा देती है।
इस वायरस का खतरा उनकी डिलीवरी पर भी पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 40% संक्रमित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन की गई है। इसी के साथ – साथ वायरस के नए लक्षण शिशु और मां के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
वायरस के कारण गर्भवती महिलाओं में तनाव की स्थिति में भी भारी इजाफा देखा जा रहा है। यह तनाव उनके बच्चे के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
ब्रिटेन की बात करें तो वहां वायरस का एक नया ही रूप देखने को मिल रहा है जिसके कारण कई देशों ने ब्रिटेन से अपना नाता तक खत्म कर दिया है। हालांकि अभी कोरोना के अलग-अलग वैरीअंट के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी परंतु फिर भी वायरस की बढ़ती रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है।